Sunday, June 29, 2014

Separation

(Originally created on June 24th 2014)
And here is one for separated love ...इंतजार की इंतिहा ....

इस दिल का टुकडा काटकर
जलती हथेली पर रख दिया।
तब समझा साला कमबख्त
...... धडकता भी हैं।।

दर्द उठा इस कदर
कतरा कतरा जम गया।
और महसूस हुआ पहली बार
साला ....... तडपता भी हैं।।

रह रह के कसक आती रही
जिस्म से रूह निकलती रही।
पर तेरी याद मे उछला कुछ इस कदर
समझे साला ये तो ..... भडकता भी हैं।।

बस एक बार .....
बस एक बार आकर थाम ले तू इसे
फिर आखिरी सांस सुकूं से निकले।
और मैं भी समझ लूं मेरे लिए भी
कोई तो दिल हैं. ... जो धडकता भी हैं।।

- कोण?

Tuesday, June 24, 2014

Platonic Love - चांद को क्या मालूम देखता है उसे कोई चकोर

(Originally on May 1st, 2014)

One of the partners said
चांद को क्या मालूम देखता है उसे कोई चकोर।

And the other one is thinking

चकोर अपनी जुबान खोले तो सही
अपने मुंह से कुछ बोले तो सही
चांद साला आसमां को छोड के आएगा
जमाने के सारे बंधन तोड के आएगा

पर चकोर अपनी चुप्पी लगाए बैठा है
इंतजार मे आंखे बिछाए बैठा है
"कहें ना कहें" उलझा है खुदही
चांद की आस लगाए बैठा है

चांद भी जले है तनहा अकेला
महसूस करे चांदनी को वह चारों ओर
पर चांद को है मालूम 
देखता है उसे कोई चकोर ....
देखता है उसे कोई चकोर ....


- कोण!