Friday, July 25, 2014

बाकी हैं

एक खुबसूरत दिल
इक सजी महफिल
वो मुस्कान हासिल
जल चुके।

प्यार के सफर
वो मेरे हमसफर
जो मेरे थे हरकदर
बिछड चुके।

सपनों के बाग
मुहब्बत के चिराग
अपने प्रेम राग
उजड चुके।

आखों की रंगत
अपनों की संगत
सपनों की पंगत
बिखर चुकी।

सांसों की सरगम
आहों की पडघम
दिल की धडकन
थम चुकी।

लेकिन ....

तेरा इजहार
आखरी इंतजार
कहीं हल्का सा प्यार
अभी भी ... अभी भी बाकी हैं।

- कोण?